09

"रहोगी ना मेरे साथ?” !!

अब तक...

“म...मास्टर...”

उसकी वो प्यारी सी आवाज़ सुनकर ब्लैक मास्टर ने अपनी नज़रें उसकी ओर कर दीं और “हम्म” में जवाब दिया।

एलीना अपनी उंगलियों को आपस में मरोड़ते हुए धीरे से पूछने लगी:

“वो... डै... डैड को ऐसे बंद क्यों रखा है... और किसने रखा...? उन्हें पेन हो रहा होगा ना...?”

यह बोलते वक्त उसका गला थोड़ा रुंध गया, जैसे वह अभी रो देगी।

ब्लैक मास्टर ने अचानक अपनी कार रोक दी।

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अब आगे...

वो उसकी तरफ देखने लगा और अपनी सख्त, गहरी आवाज़ में बोला, “लिटिल डॉल, उन्होंने गलती की है... और जो गलती करते हैं, उन्हें पनिशमेंट मिलती है।”

“और रही बात दर्द की, तो... उन्हें दर्द नहीं होगा... जब तक तुम मेरे पास रहोगी।”

एलिना ने अपनी मासूम नजरें झुकाकर उसकी ओर देखा... फिर बड़ी ही मासूमियत से बोली:

“तो अगर मैं आपके साथ रहूंगी, तो उन्हें पेन नहीं होगा?”

ब्लैक मास्टर ने अपनी गहरी निगाहें उसके चेहरे पर डालीं और फिर अपना हाथ उसके सिर पर फेरते हुए बोला:

“हम्म... बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा।”

“रहोगी ना मेरे साथ?” उसने उससे सवाल किया।

एलिना ने अपने दोनों हाथों को आपस में उलझाकर सिर झुका लिया और धीरे से बोली:

“अगर आप डैड से मिलने दोगे तो...”

वहीं ब्लैक मास्टर ने गहरी नजरों से उसे घूरते हुए कहा:

“लिटिल डॉल... शर्त रख रही हो तुम?”

एलिना ने उसे देखा और मासूमियत से बोली:

“शत... वो क्या होता है?”

ब्लैक मास्टर ने उसे कुछ पल देखा... फिर गहरी सांस लेकर बोला:

“शत नहीं... शर्त... छोड़ो, कुछ नहीं।”

उसने अपनी नज़रें वापस सामने कर दीं और कार स्टार्ट की।

एलिना उसे देखने लगी, फिर कुछ पल बाद खिड़की से बाहर देखने लगी। सुंदर नज़ारे थे... और उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी, जैसे वो ये सब पहली बार महसूस कर रही हो।

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वहीं इधर...

एक बड़े से बंगले के बाहर गार्ड्स बेहोश पड़े थे। वहीं बंगले के अंदर हॉल में एक औरत भी बेहोश थी।

धीरे-धीरे उस औरत को होश आने लगा।

उसने नैनी वाले कपड़े पहने हुए थे। वो धीरे-धीरे उठी... पर उसे सब कुछ धुंधला-धुंधला दिखाई दे रहा था।

उस औरत ने चारों ओर नज़र दौड़ाई... अचानक वो पैनिक हो गई। वो घबराते हुए कभी कमरे में, कभी इधर-उधर देखने लगी।

वो बहुत ज़्यादा परेशान नजर आ रही थी।

उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। वो अपने मुंह पर हाथ रखकर बड़बड़ाई:

“अब क्या करूं... कहीं वो लोग मेरी बच्ची को कुछ कर ना दें...”

वो अचानक से टेलीफोन के पास आई और किसी को कॉल करने लगी।

कांपते हाथों से उसने नंबर डायल किया।

“प्लीज़... उठाओ... उठाओ...” वह बुदबुदा रही थी, उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे।

लेकिन कॉल लग नहीं रही थी।

वो रोती रही, “अब क्या करूं मैं? कुछ समझ नहीं आ रहा... सर भी घर पर नहीं हैं...”

“हे भगवान, मेरी बच्ची को सही सलामत रखना... प्लीज़...”

फिर उसने कुछ सोचते हुए खुद से कहा:

“क्या मैं सर के ऑफिस में कॉल करूं? उन्हें बता दूं एलिना के बारे में? हां... यही सही होगा...”

उसने हड़बड़ाते हुए एक नंबर डायल किया।

कुछ रिंग्स के बाद...

फोन लग चुका था।

Miss Jerry: “हेलो... क्या आप मेरी बात Mr. बैरेट नोएव से करा सकते हैं?”

उधर से कुछ पल कोई जवाब नहीं आया... फिर आवाज़ आई:

“वो यहाँ नहीं हैं... मिशन पर गए हैं।”

Miss Jerry (घबराकर): “प्लीज़... आप कुछ कीजिए... उन्हें बताइए कि उनकी बेटी को किसी ने किडनैप कर लिया है।”

उधर से आवाज़ आई:

“क्या? किडनैप? किसने?”

Miss Jerry: “मुझे नहीं पता सर... प्लीज़... आप पता कीजिए... प्लीज़ सर... प्लीज़!”

उधर से: “Okay... we'll try it.”

फोन कट गया।

फोन उठाने वाला एक एजेंट था।

फोन कटते ही उसने सामने बैठे आदमी की तरफ देखा और कहा:

“हमने जो सोचा था, वो सही है... बैरेट भी उसकी कैद में है... और उसने उसकी बेटी को भी पकड़ लिया है...”

वहीं सामने बैठे आदमी ने गुस्से में टेबल पर पड़ा सामान फेंक दिया।

वो चिल्लाया, “जाओ यहां से! जाओ!!”

गुस्से से गरजते हुए बोला:

“हम इस बार फेल नहीं हो सकते! बिल्कुल नहीं! बैरेट हमें वो सब दे देता जिससे हम उस मास्क के पीछे छिपे आदमी को पकड़ सकते... पर वो हमसे भी दस कदम आगे निकला...”

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वहीं दूसरी ओर...

एलिना कार में खिड़की के पास सिर रखकर सो चुकी थी।

ब्लैक मास्टर की नजरें सड़क पर थीं... पर अचानक उसकी नजर एलिना की तरफ चली गई।

वो नींद में खुद में ही सिमटी हुई थी... उसके माथे पर उसकी लटें बिखरी थीं।

ब्लैक मास्टर ने उन्हें बड़ी सलीके से हटाया... बिना कुछ सोचे।

तभी एक कार का हॉर्न जोर से बजा — जिससे ब्लैक

मास्टर का ध्यान टूटा।

उसने अपनी आंखें वापस सड़क की ओर कीं और कार आराम से चलाने लगा।

वहीं एलिना गहरी नींद में थी...

To be continued....

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