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"उस लड़की को एक खरोंच भी आई ना, तो"!!

अब तक.....

लाईरा, जिसके चेहरे पर अभी तक मुस्कान थी, उसकी आंखों में आंसू आ गए, क्योंकि लड़के ने उसके हाथों को बहुत ज़ोर से पकड़ा था।

वो सिसक कर मासूमियत से बोली — "आह... आप क्या कर रहे हो विक्टर, दर्द हो रहा है मुझे।"

उसकी बात सुनकर विक्टर, जो गुस्से से आग बबूला था, अचानक ठहर गया।

उसने तुरंत उसके हाथ छोड़े और दूर हट गया।

फिर अपनी नजरें इधर-उधर करते हुए बोला — "सॉरी... लाईरा मैम।"

अब आगे......

विक्टर इतना बोल, कमरे से बाहर निकल गया। वहीं लाईरा, आंसू भरी आंखों से उसे देख रही थी। वो बुदबुदाते हुए बोली — "हमेशा ऐसे ही करते हो आप।

हमेशा मुझे खुद से दूर करने की कोशिश करते हो, ऐसा क्यों करते हो आप?"

उसने अपना सर झुका लिया और कमरे से बाहर निकल गई।

वहीं इधर......

शहर से दूर, समुद्र के बीचोबीच वह शिप वहीं पर था।

ब्लैक मास्टर कॉल पर था। वह किसी को अपनी ठंडी और खतरनाक आवाज में बोला — "मैंने जो कहा था, याद है ना तुम्हें?

वह लड़की मुझे चाहिए। आज रात से पहले वो मेरे फार्महाउस पर चाहिए।

और एक बात, अगर उस लड़की को एक खरोंच भी आई ना, तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।"

उसने तुरंत कॉल कट कर दिया।

उसके कॉल कट करते ही, उसका फोन दोबारा रिंग करने लगा। उसने अपने फोन पर वह नंबर देखा और तुरंत कॉल पिक कर लिया।

और अपनी गहरी आवाज में बोला — "हम्म, बोलो।"

वहीं दूसरी तरफ से आवाज आई — "मास्टर, आज दोपहर 1:00 बजे वो जहाज़ आने वाला है इंडिया से।"

ब्लैक मास्टर ने ठंडी और गहरी आवाज में कहा — "ओके। वहां सब ठीक है?"

दूसरी तरफ वह आदमी कुछ पल चुप हो गया, और फिर कहा — "जी, सब ठीक है।"

ब्लैक मास्टर ने "हम्म" में जवाब दिया और फोन कट कर दिया।

वो शिप के कमरे से बाहर आया। उसकी चाल में एक अलग सा रौब था।

वो बैरेट के पास आया, जिसकी आंखों के नीचे लाल घेरे पड़ चुके थे। वह अधेड़ उम्र का ऑफिसर, जिसके चेहरे पर हल्की-फुल्की झुर्रियां थीं, इस वक्त पूरी तरह मुरझा गया था।

ब्लैक मास्टर ने उस पर एक गहरी निगाह डाली और फिर अपना सर थोड़ा टेढ़ा करके अपने आदमी से कहा — "इसे कुछ खिलाया-पिलाया है या नहीं?

खाने को कुछ दे दो, इसे ज़िंदा रखना है।"

बैरेट में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह कुछ कर पाए। वह काफी कमजोर लग रहा था।

वो धीरे से बोला — "प्लीज़, मेरी बेटी के साथ कुछ मत करना... वह बहुत मासूम है।"

ब्लैक मास्टर ने उसकी सारी बातों को इग्नोर कर दिया, जैसे उसने सुनी ही ना हो। और वहां से चला गया।

दोपहर के 1:00 बज रहे थे। समुद्र के बीचोबीच वह शिप था। शिप के चारों तरफ पहरेदार थे।

ब्लैक मास्टर अपने कमरे की बालकनी पर आया, जहां से दूर-दूर तक सिर्फ समुद्र और समुद्र दिख रहा था।

उसके हाथों में एक दूरबीन थी। उसने एक हाथ से दूरबीन पकड़ी और अपनी आंखों के करीब ले गया, और समुद्र में कुछ तलाशने लगा।

उसे सामने से जहाज दूर से आता हुआ दिखाई दिया। उसके चेहरे पर एक टेढ़ी और मिस्टिरियस स्माइल आ गई।

उसने दूरबीन अपनी आंखों से हटाई और अपने हाथों में पहनी हुई वॉच का एक बटन दबाया।

वह बटन दबाते ही एक आदमी दौड़ते हुए उसके पास आया।

और थरथराती जुबान से कहा — "यस, मास्टर।"

ब्लैक मास्टर ने टेढ़ी निगाहों से उसे देखा और फिर अपनी शांत पर गहरी आवाज में बोला —

"उस ऑफिसर को दूसरे जहाज में शिफ्ट कर दो और मेरे फार्महाउस पर भिजवा दो।

और ध्यान रहे, उस ऑफिसर के चमचों को पता ना चले कि वह मेरे कब्जे में है।

मैं आता हूं एक-दो घंटे में।"

उस आदमी ने अपना सर हिलाया और फिर झुका कर चला गया।

ब्लैक मास्टर ने अपने चेहरे पर लगा हुआ मास्क ठीक किया।

और अपनी गहरी निगाहों से आसमान में उड़ते हुए पंछी को देखते हुए बोला —

"ऑफिसर, मैं तुम्हें कभी भी अपने काम के बीच में नहीं आने दूंगा।

तुम्हें क्या लगा? तुम मुझे इतनी आसानी से बर्बाद कर सकते हो?"

वह अजीब तरीके से हंसने लगा। उसकी हंसी में सुकून नहीं, कुछ अजीब सा था... खतरनाक सा।

उसने तिरछी स्माइल दी।

करीब 20 मिनट बाद वह जहाज शिप के पास आ चुका था।

और उसके आदमियों ने बैरेट को दूसरे जहाज पर शिफ्ट कर दिया था और वे वहां से निकल भी चुके थे।

वह जहाज शिप के पास आकर रुका, और वहां से एक आदमी, थ्री-पीस सूट पहना हुआ, शिप में आया। और उसके साथ कुछ और आदमी भी।

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To be continued........

कौन था यह आदमी?

आखिर किस मकसद से ब्लैक मास्टर लाना चाहता है एलीना को अपने पास?

क्या उसके आदमी समय से पहले उसे ब्लैक मास्टर तक पहुंचा देंगे?

या फिर होगा मौत का खेल?

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