
---
एक विशाल सीप में, जिसके चारों तरफ समुद्र था... जहां काले कपड़ों में बॉडीगार्ड्स चुपचाप खड़े पहरा दे रहे थे।
वहीं सीप के बीचो-बीच एक आदमी कुर्सी से बंधा हुआ था। उसे देखकर लग रहा था जैसे उसकी उम्र लगभग 57 साल होगी, और उसके मुंह पर काला कपड़ा बंधा हुआ था।
वो बैठा हुआ झटपटा रहा था। तभी वहां कदमों की आहट गूंजी— टक... टक...
आहट सुनते ही वह आदमी चुप हो गया, और सर ऊपर उठाकर देखा।
सामने से एक 6 फुट 2 इंच का आदमी चलकर आ रहा था। उसकी चाल में एक अजीब सा रौब था।
उसके चेहरे पर एक ब्लैक मास्क था। वही ‘Black Master’ जिससे पूरी एशिया कांपती है।
पर ना तो किसी ने उसका असली नाम जाना, और ना ही उसका चेहरा देखा।
वो कुर्सी पर बंधे आदमी के पास आया। कुछ पल उसके पास खड़ा रहकर उसे घूरने लगा।
उसके हाथ में एक गन थी, जिसे वह अपनी उंगलियों में घूमाए जा रहा था।
गहरी, बर्फ जैसी ठंडी आवाज में वह बोला—
“तुम्हें क्या लगता है... बच जाओगे मुझसे?”
उसने एक हाथ आगे बढ़ाया और उस आदमी के मुंह से पट्टी खोल दी।
पट्टी खुलते ही वो आदमी जोर-जोर से सांस लेने लगा, जैसे सदियों से सांसें रोके बैठा हो।
वो कांपते हुए बोला—"द... देखो, मुझे छोड़ दो..."
Black Master ने उसकी आंखों में झांकते हुए उसी ठंडी आवाज में कहा—
“छोड़ दूं तुम्हें...? जो मुझे बर्बाद करना चाहता था, उसे बिना बर्बाद किए कैसे छोड़ दूं... Mr. बैलेट नोएल।”
बैलेट नोएल कांपते हुए बोला—“देखो, मैं बस अपना काम कर रहा था। ये सब ऊपर से आदेश था।”
Black Master ने ठंडी नजरों से उसे देखा और कहा—“पर तुम मेरे और मेरे काम के बीच में आ गए।"
कुछ पल चुप रहने के बाद उसने गन उसकी छाती पर रख दी—
“तुम इतना तो जानते ही हो मेरे बारे में, कि जो मेरी और मेरे काम के बीच आता है...
उसे खत्म करने से पहले मैं एक बार भी नहीं सोचता।”
बैलेट थरथराते हुए बोला—
“मैं... मैं तुम्हारे बाप की उम्र का हूं। अगर मुझे मारना ही है तो मार दो,
पर अभी मुझे जाने दो, मुझे एक ज़रूरी काम करना है।
उसके बाद मैं खुद तुम्हारे पास आ जाऊंगा... और अगर नहीं भी आया,तो तुम तो खुद ढूंढ ही लोगे।”
उसकी बात पर Black Master ने एक ठंडी हंसी हंसी—
धीरे से सिर झुकाया, और फिर एक जोरदार ठहाका लगाया।
आसपास खड़े लोग चौक गए। वे जानते थे, उसकी हंसी का मतलब हमेशा अच्छा नहीं होता।
“बाप की उम्र का?”
वो उसके करीब झुककर फुसफुसाया, फिर अचानक चेहरा सख्त करते हुए गहरी नफरत भरी आवाज में बोला—
“नफरत है मुझे इस शब्द से...”
इतना कहते हुए उसने गन उसकी छाती पर और मजबूती से दबाई—
“तुम्हें क्या लगता है, तुम्हारा ये इमोशनल ड्रामा मुझ पर असर करेगा?”
उसने हंसते हुए उसका मजाक उड़ाया।
तभी उसकी हंसी के बीच किसी फोन की रिंग बजने लगी।फोन की आवाज से वो अचानक रुक गया।
उसकी आंखों में फिर वही खामोश खतरा उतर आया।आसपास खड़े उसके आदमियों के हाथ कांपने लगे।उसने आसपास देखा, फिर बैलेट की ओर देखा।
आवाज़ पास से आ रही थी। उसने बैलेट का फोन उठाया। बैलेट घबरा गया।
Black Master ने फोन की स्क्रीन देखी और गहरी आवाज में बोला—
“Princess...”
यह नाम सुनते ही बैलेट और भी घबरा गया। फोन कट हो चुका था... फिर दोबारा बजा।
Black Master ने इस बार भी फोन नहीं उठाया।तीसरी बार फोन बजा तो वो पूरी तरह इरिटेट हो चुका था।
फोन ज़मीन पर पटकने ही वाला था कि...तभी उसे एक मासूम और मीठी सी आवाज सुनाई दी—
“Dad, आप कहां हो?”
वो आवाज उसके कानों में कुछ ऐसा असर कर गई कि वह रुक गया।
फोन की ओर देखा... जिसे वो अभी तोड़ने वाला था।
ग़लती से कॉल उठ चुकी थी।
उस मासूम आवाज ने दोबारा पूछा—“Dad, आप कुछ बोल क्यों नहीं रहे? कहां हो आप? घर कब आओगे?”
Black Master का चेहरा, जो कुछ पल पहले इरिटेशन से भरा था,
अब कुछ नरम होता दिखाई दिया।
फिर वही मासूम सी आवाज आई—“Dad, आपको मेरी आवाज आ रही है? कब आओगे घर?
पिछले एक हफ्ते से आप घर नहीं आए... मैं आपको मिस कर रही हूं, Dad... आप सुन भी रहे हो?”
---
To be continued...
आख़िर कौन सा काम की बात कर रहा था बैलेट नोएल ? Black Master के किस काम के बीच में आया है बैलेट ? और... इस कॉल के बाद Black Master क्या करेगा ?
पहले चैप्टर पसंद आया हो तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें।
Write a comment ...